ये ज़मी रुक जाये आसमा झुक जाये

ये ज़मी रुक जाये आसमा झुक जाये 

तेरा चेहरा जब नजर आये। 

ऊपर की पंक्तियों के कवी यह दर्शा ना चाह रहे है की 

जब भी पत्नी सामने आती है उनकी पूरी तरह फट जाती है